Bawasir ke masse ki ramban ayurvedic dawa. बवासिर के मस्से की रामबन आयुर्वेदिक दावा।


1, बवासीर के मस्से खत्म करें आयुर्वेदिक दवाओं से।

नमस्कार दोस्तों इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि बवासीर में होने वाले मस्से जो इस बीमारी में सबसे अधिक दर्द का कारण बनते हैं। उनको आयुर्वेदिक दवाओं, और क्रीम के माध्यम से कैसे ठीक कर सकते हैं। 


2, बवासीर ( paills) ,

बवासीर क्या है। इसके बारे में ज्यादा तर लोगों को पता ही होगा। पर जो लोग इससे अंजान है, उनकी जानकारी के लिए बता दूं, बवासीर एक ऐसी बीमारी है। जिसमें मल के रास्ते पर बहुत ज्यादा दर्द होता है। और खून भी आने की संभावना रहती है। पुराने कब्ज एवं लीवर की गड़बड़ी के कारण ही, यह मर्ज जन्म लेता है। इस मर्ज में मल के रास्ते पर छोटे-छोटे मस्से निकल आते हैं। जो कि माल त्याग के समय उनमें खिचाओ के कारण छील जाते हैं। इसलिए उसमें घाव बन जाता है।



 और असहनीय पीड़ा का कारण बन जाता है।इसके शुरुआती लक्षण ना पहचान पाने या इसे नजरअंदाज करने की स्थिति में आगे चलकर यह बहुत ही बड़े कैंसर का रूप भी ले सकता है । अच्छा है कि इसके लक्षण को पहचान कर इसके शुरुआती समय में ही इसका इलाज कर लिया जाए। इसके इलाज में सबसे अधिक फायदेमन्द और आसान है। बवासीर के मस्से हटाने की क्रीम इसके इस्तेमाल से मस्से मुलायम हो जाते हैं और मल निकलते समय आसानी से बाहर आ जाता है ।जिससे की घाव नहीं बनता और मस्से धीमे-धीमे सूखने शुरू हो जाते हैं। 



3, बवासीर होने के कारण क्या हैं।

बवासीर होने का सबसे मुख्य कारण यह है कि वात,पित्त और कफ यह तीनों पूर्ण रूप से दूषित हो जाता है। तभी यह रोग शरीर में फैलना शुरू हो जाता है। यह रोग नियमित ज्यादा देर तक खड़े रहने,बहुत ज्यादा भारी वजन उठाने,पुरानी कब्ज के होने से भी होता है। जिस कारण मल बहुत ही कठिनाई से बाहर आता है और मल के रास्ते में घाव बना देता है। आइए इसके कुछ प्रमुख कारणों को जानते हैं।  


  1.  ज्यादा मात्र में तला एवं मिर्च-मसाले युक्त भोजन करना।
  2. शौच ठीक से ना होना।
  3. फाइबर युक्त भोजन का सेवन न करना।
  4. महिलाओं में प्रसव के दौरान गुदा क्षेत्र पर दबाव पड़ने से बवासीर होने का खतरा रहता है।
  5. व्यायाम न करने या शारीरिक गतिविधि कम करने के कारण भी यह मर्ज हो सकता है।
  6. धूम्रपान और शराब का सेवन करना।


जीवन शैली,

तेज़ी से दौड़ती जिंदगी में लोगों के पास इतना समय नहीं है कि वह अपने शरीर में हो रही छोटी मोटी परेशानियों पर ध्यान दे। यही कारण है लोगों में बवासीर जैसी बीमारी लागतार बढ़ती जा रही है। इस बिमारी को नजरअंदाज करने पर बहुत ही दिक्कत पैदा हो सकती हैं। इसलिए इस बीमारी को नजरअंदाज ना करते हुए आप इसका इलाज कर सकते हैं। इसका बहुत ही अच्छा इलाज आयुर्वेद में उपलब्ध है और कई बड़ी कंपनियों द्वारा बहुत सी ऐसी दवाएं बनाई गई हैं।


जिसको बवासीर के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। जो बहुत ही लाभकारी है, और इन दवाओं का कोई साइड इफेक्ट या विपरीत परिणाम नहीं पड़ता। इसलिए निम्नलिखित दवाओं को आप बेझिझक अपनी बवासीर की समस्या के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।



1. पतंजलि पीड़ान्तक क्रीम


               


पतंजलि बवासीर मस्से हटाने की क्रीम पीड़ान्तक पूरी तरह से आयुर्वेदिक क्रीम है। जोकि बवासीर के मस्से से हो रहे दर्द के निवारण में बहुत ही लाभकारी क्रीम है। इस क्रीम को एलियम सैटिवुम,सेलास्ट्रस पैनिकुलटस,बोसवेलिया सेराटा,प्लूचिया लांसोलाटा,विटेक्स ट्राइफोलिएटस,कैलोट्रोपिसिस प्रोसेरा,गॉलथेरिया फ्रैग्रंटिसिमिया के मिश्रण से बनाया गया है। जोकि मस्से के दर्द को और मल के रास्ते को मुलायम करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।


2 . अर्शकल्प वटी 


                   



अर्शकल्प वटी पतंजलि की बवासीर को खत्म करने के लिए बहुत ही बेहतर और उपयोगी आयुर्वेदिक दवा है। यह आपके पाचन तंत्र और कब्ज की समस्या को दूर करता है। क्योंकि बवासीर भी खराब पाचन तंत्र और कब्ज की समस्या से जुड़ी हुई बीमारी है। जब तक आपकी कब्ज और पाचन तंत्र ठीक नहीं होगी। तब तक बवासीर की बीमारी को भी नहीं ठीक किया जा सकता है।


इसीलिए अर्शकल्प वटी बवासीर की समस्या के लिए सबसे बढ़िया दवा में से एक है। इस दवा को हरीतकी,कपूर,नीम,एलोवेरा जैसे प्राकृतिक और गुणकारी औषधियों के बराबर मिश्रण से बनाई गई है।


3,ईसबगोल भूसी,

 

              

खूनी बवासीर के लिए ईसबगोल की भूसी सबसे ज्यादा फायदेमंद और लाभकारी दवाओं में से एक है। ईसबगोल प्लांटागो ओवता के पौधों के बीज से बनाई गई एक प्रकार की भूसी है। इसमें बहुत अधिक मात्रा में फाइबर पाई जाती है और इसमें कोलेस्ट्रोल बिल्कुल भी नहीं होता है। बवासीर के लिए इसको सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।


क्योंकि यह पेट में जाकर कब्ज,दस्त,डिहाईड्रेशन जैसी दिक्कतों को दूर करता है| इस भूसी को पेट की गैस को जड़ से खत्म करने के उपाय रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है| इस भूसी के इस्तेमाल से मल त्याग के समय मल रास्ते में बिना कठिनाई के निकल जाता है। जिससे कि बवासीर के मस्सों में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होती और धीमे धीमे वाह सूखने लगता है।


4. दिव्य सर्वकल्प क्वाथ


                 

दिव्य सर्वकल्प क्वाथ को बवासीर से उत्पन्न हो रहे मल के रास्ते में सूजन को कम करने के लिए प्रयोग किया जाता है। सूजन कम होने से मस्सों में किसी भी प्रकार का घाव नहीं बनेगा और वह सूखना शुरू हो जाएंगे। यह दवा लीवर में किसी भी प्रकार की खराबी को पूर्ण रूप से ठीक करता है और लीवर को भी मजबूती प्रदान करने में काम करता है। इसको आप 10 ग्राम की मात्रा में गर्म पानी के साथ दिन में 2 बार ले सकते हैं। इसके बेहतर परिणाम के लिए इसका कम से कम 3 हफ्ते तक उपयोग किया जाना आवश्यक है।


Pilokit, 


                     


पॉलिकिट दवा एक पूरा सेट है। जिसमें आपको टेबलेट और स्प्रे मिलती है जो कि बहुत ही उपयोगी है मस्सों को शांत करने के लिए यदि आपकी परेशानी हद पार कर चुकी है तो आपको यही किट लेनी चाहिए इससे आपको जल्द से जल्द आराम मिलेगा और क्रीम की जगह स्प्रे डायरेक्ट असर करेगी



धन्यवाद,

इस लेख में बताई गई सभी दवाओं को बवासीर के इलाज के लिए इस्तेमाल में लिया जाता है आप चाहे तो इसे ऑनलाइन या लोकल मार्केट से भी खरीद सकते हैं अपनी सुविधा के अनुसार इन दवाओं को खरीदे और इनका इस्तेमाल इन दवाओं से आपको आपकी समस्या से अवश्य निजात मिलेगी।



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