पथरी तोड़ने की दवा ( kidney stone medicine)

नमस्कार दोस्तों, आज का ब्लॉग उन लोगों के लिए बहुत जरूरी (important) है जो लोग पथरी यानी के (kidney stone) से परेशान हैं। और इसके बर्दास्त नहीं होने वाले दर्द से छुटकारा पाना चाहते हैं। तो साथियों आज हम पथरी तोड़ने की दवा और पथरी होने के कारण के बारे में जानेंगे। Kidney Stone (किडनी स्टोन) या गुर्दे की पथरी को Nephrolithiasis (नेफ्रोलिथिआसिस) तथा Renal Calculi के नाम से भी जाना जाता है। आयुर्वेद में पथरी (Calculi) अश्मरी बोला जाता है। गुर्दे की पथरी एक तरह के क्रिस्टलीय मिनरल साल्ट होते हैं। यह क्रिस्टलीय मिनरल साल्ट यूरिनरी ट्रैक्ट (मूत्र मार्ग) या किडनी में एकत्रित होने लगते हैं और किडनी स्टोन या पथरी का रूप ले लेते हैं। इनका आकार छोटा या बड़ा हो सकता है। आकार चाहें जो भी इसका दर्द इंसान की रूह तक हिला देता है। इसका अनुभव जिसने भी एक बार कर लिया है वह दुवा करता है कि फिर जीवन में कभी ऐसा दर्द ना हो। पर जब तक पथरी निकल नहीं जाती तब तक इसकी कोई गारंटी नहीं है कि ये दर्द फिर नही होगा। 




पथरी के लक्षण,
आपके मूत्र पथ या गुर्दे में मौजूद छोटा पत्थर (स्टोन) बिना किसी लक्षण या तकलीफ के मूत्र के साथ बाहर निकल जाता है। परन्तु इसका साइज 5 एमएम से ज्यादा का है तो यह आपके यूरीनरी ट्रैक्ट में रूकावट पैदा कर सकता है और आपको उल्टी, बेचैनी, दर्द, चक्कर, बुखार (फीवर), ठंड लगना जैसे लक्षण का सामना करना पड़ सकता है। मूत्र विसर्जन (Urination) के समय पेशाब के साथ रक्त (Blood) आना तथा दर्द महसूस होना तथा मूत्र से बदबू आना, आपके शरीर में पथरी होने का एक लक्षण है। वर्तमान में भारत में लगभग 12% लोग किडनी की पथरी की समस्या से पीड़ित हैं।



किडनी स्टोन (पथरी) होने के कारण,
शरीर में पथरी (Stone) बनने का कोई मुख्य कारण तो अभी तक पता नहीं चला है, पर वैज्ञानिक / आयुर्वेदाचार्य के अनुसार गर्म जलवायु, पानी का कम सेवन, शरीर में गर्मी बढ़ने के कारण मानव शरीर में जल की कमी (डिहाइड्रेशन) होने के कारण शरीर में भरपूर मात्रा में मूत्र नहीं बनता है और विषैले तत्व बाहर नहीं आ पाते हैं। शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है तथा कैल्शियम ऑक्लेट पेशाब के साथ शरीर से बाहर नहीं आ पाता है। इसके अतिरिक्त अन्य तत्व जैसे फॉस्फेट, मैग्नीशियम कार्बोनेट, अमोनियम फॉस्फेट किडनी की नलियों में जमने लगते हैं और धीरे धीरे स्टोन का रूप ले लेते हैं। पथरी मानव शरीर के विभिन्न हिस्से जैसे किडनी, मत्राशय, गोल ब्लेडर, पित्ताशय, मूत्रवाहिनी इत्यादि में कहीं भी हो सकते हैं परन्तु गुर्दे की पथरी की समस्या जनमानस में अधिक देखने को मिलती है।


कारण देखिए,
  • कम मात्रा में पानी पीने के कारण भी पथरी की समस्या आती है।
  • मानव शरीर में मिनरल्स (खनिज) की कमी के चले भी पथरी की समस्या आती है।
  • पेशाव (यूरिन) में कैमिकल की अधिकता होने पर पथरी की समस्या आती है।
  • फास्ट फूड / जंक फूड के अधिक सेवन से भी पथरी की समस्या आती है।
  • विडामिन डी की मात्रा शरीर में बढने पर भी पथरी की समस्या आती है।
  • शरीर में डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) होने पर पथरी की समस्या आती है।
  • लम्बे समय के लिए पेशाब को रोके रखने से भी पथरी की समस्या आती है।
  •भोजन के बाद तुरंत लेट जाना या आराम करने से भी पथरी की समस्या आती है।



पथरी का इलाज व बचाव,
गुर्दे की पथरी से पीड़ित प्रत्येक रोगी बस एक प्रश्न का जवाब ढूढता दिखाई देता है पथरी को जड़ से खत्म कैसे करे? यदि आप भी पथरी तोड़ने की दवा जानना चाहते हैं तो आप कुछ घरेलू उपाय को प्रारम्भिक स्थित में प्रयोग कर पथरी की समस्या से निजात पा सकते हैं।

पथरी तोडने की देशी दवा,
आयुर्विज्ञान में आयुर्वेदाचार्य के गहन शोध के उपरान्त पथरी का इलाज पथरी की देशी दवा से सम्भव हो सका है। इन पथरी तोड़ने की दवा का प्रयोग कर गुर्दे व अन्य पथरी को शरीर से बाहर निकाला जा सकता है। पथरी (किडनी स्टोन) की समस्या प्रायः कम शारीरिक गतिविधि करने वाले स्त्री पुरुष में देखी जाती है। शारीरिक श्रम न करने के कारण भोजन पूर्ण रूप से पच नहीं पाता है और खाने के कुछ मिनरल्स गुर्दे में एकत्रित होने लगते हैं और धीरे धीरे यह पथरी का रूप ले लेते हैं।
 हमारी आपको यही सलाह है कि pathri ki dava के सेवन के साथ साथ शारीरिक गतिविधियों पर भी ध्यान दिया जाये तो आपकी स्टोन की समस्या जड़ से खत्म हो जायेगी। पथरी के इलाज के लिए मुख्यतः लोग आयुर्वेदिक / देशी इलाज प्रयोग करना चाहते हैं, क्यों कि आयुर्वेदिक मेडिसिन्स का साइड इफेक्ट न के बराबर होता है। इस लेख में हम आपको 4 देसी दवाओं की जानकारी देंगे जो आपको पथरी से निजात पाने और उसे जड़ से खत्म करने में मदद करती हैं। इन सभी दवाओं का सेवन पैक में दिए गए दिशा निर्देश के अनुसर करें। या अपने किसी नजदीकि डॉक्टर से संपर्क करें।

   हिमालया सिस्टोन टेबलेट 

हिमालया सिस्टोन टेबलेट व सिरप दोनो रूप में बाजार में उपलब्ध है। हिमालया सिस्टोन में मौजूद शिलापुष्पा (डिडिमोकार्पस पेडिकेलटा) पथरी बनने से रोकता है। शिलापुष्प अपने antimicrobial गुण के लिए भी जानी जाती है। यह आपके गुर्दे में मौजूद पथरी को तोडकर शरीर से बाहर करने में मदद करता है। इस टेबलेट / सिरप में मौजूद Pasanabheda (Saxifraga Ligulata) पथरी के कारण हुये घाव, सूजन को शांत कर आपको आराम देता है तथा इसके मूत्रवर्धक गुण मूत्र के प्रवाह को बढा देते हैं जिससे पथरी छोटे छोटे टुकडों में टूटकर कर मूत्र के साथ शरीर से बाहर आ जाती है।


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               वरुणादि वटी

Varunadi Vati, वरुण, पुनर्नवा, गोक्षुरा, शुद्ध गुग्गुल आदि जड़ीबूटियों का मिश्रण है। इसमें मौजूद जडीबूटियाँ पथरी को शरीर से निकालने के आयुर्वेदिक गुण रखते हैं तथा साथ ही पथरी को शरीर में बनने नहीं देता। वैद्यनाथ वरुणडी वटी व अन्य कम्पनी की वरूणादि वटी पथरी की देशी दवा है। जिसका इस्तेमाल पथरी के दर्द से छुटकारा पाने में किया जाता है। यह पथरी तोडने की दवा शरीर में मौजूद पथरी को छोटे छोटे टुकडों में तोड़ देती है और पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकाल देती है। यह वटी एण्टीबायोटिक तथा गैस को जड़ से खत्म करने की दवा के रूप में भी काम करती है।


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                  दिव्य गोक्षुरादि गुग्गुल
दिव्य गोक्षुरादि गुग्गुल, गोखरू, आंवला, हरड़ (हरीतिका), पिप्पली, बहेडा आयुर्वेदिक जडीबूटियों का मिश्रण है। दिव्य गोक्षुरादि गुग्गुल kidney stone ayurvedic medicine हैं। इसमें मौजूद गोखरू कामेच्छा को बढाता है तथा आंवला पाचन तंत्र को ठीक करने के औषधीय गुण रखता है। हरड आक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है एवं पिप्पली शरीर में आक्सीडेशन के प्रभाव को कम करता है। गोक्षुरादि गुग्गुल का प्रयोग यूरिक एसिड की रामबाण दवा लिए भी किया जाता है। जबकि बहेडा प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। इस pathri ki dava के नित्य प्रयोग से किडनी (गुर्दा) मजबूत होता है।

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       Mutrakrichantak Churna


मूत्रक्रीचनतक चूर्ण का प्रयोग प्रमुखतः गुर्दे की पथरी (किडनी स्टोन) के इलाज में किया जाता है। Mutrakrichantak Churna को गोखरू, अपामार्ग, कासनी, पुनर्नवा, वरूण, शिरीष, भूम्यामलकी जैसी आयुर्वेदिक जडीबूटियों का प्रयोग कर तैयार किया गया है। इस चूरन में मौजूद यह गुणकारी जड़ीबूटियाँ भूख बढाती है, लिवर फंक्शन को ठीक करती है, पथरी के कारण होने वाले घाव व सूजन को ठीक करती है तथा शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढाती है। मूत्रक्रीचंतक चूर्ण शरीर में मौजूद पथरी को तोडकर बाहर निकालने में मदद करती है और पथरी को बनने नहीं देती है। इस चूरन का प्रयोग लम्बे समय तक करना होता है।


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ध्यान दें।
ये सभी दवाएं पूरी तरह से आयुर्वेदिक हैं। इनका साइड इफेक्ट ना के बराबर होता है। यदि इन दवाओं का इस्तेमाल करते समय आपको किसी भी तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है तो कृपया अपनी नजदीकी डॉक्टर से संपर्क अवश्य करें।

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